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बृहस्पतिदेव की कथा

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

॥ शंकर मेरा प्यारा, शंकर मेरा प्यारा…॥

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

कठिन भक्ति देखी Shiv chaisa प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

दर्शन देकर, धन्य करो अब, हे त्रिनेत्र महेश्वर

शिव मंदिर में दीप जला के करलो मन उजियारा…

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

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